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Showing posts from March, 2023

popular blogging interests in India कुछ लोकप्रिय ब्लॉगिंग इंटरेस्ट हैं जो भारत में प्रचलित हैं

As an AI language model, I don't have access to real-time data or the ability to browse the internet. However, based on recent trends, here are some popular blogging interests in India: Food blogging: With the rise of food delivery services and a growing interest in diverse cuisines, food blogging has become a popular niche in India. From recipe sharing to restaurant reviews, there are many ways to explore the world of food blogging. Travel blogging: India is a country with diverse landscapes, cultures, and traditions, making it an ideal destination for travelers. Travel blogging has gained a lot of popularity in recent years, with bloggers sharing their experiences and insights on different places and travel-related topics. Technology and gadgets: With the advent of smartphones, laptops, and other gadgets, technology has become an essential part of people's lives. Tech bloggers in India explore various topics related to gadgets, software, and the latest trends in the tech indu

ट्रेंडिंग मनी मेकिंग आइडिया

  ट्रेंडिंग मनी मेकिंग आइडिया एआई भाषा मॉडल के रूप में, मेरे पास भविष्य के रुझान या बाजार की स्थितियों की भविष्यवाणी करने की क्षमता नहीं है। हालाँकि, पैसे कमाने के कुछ स्थापित तरीके हैं जो कुछ समय से लोकप्रिय हैं, जैसे कि व्यवसाय शुरू करना, स्टॉक या रियल एस्टेट में निवेश करना, फ्रीलांसिंग करना, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामग्री बनाना, या ट्यूशन, कोचिंग, या ऑनलाइन सेवाओं की पेशकश करना। परामर्श। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पैसा बनाने के किसी भी विचार के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और जोखिम लेने के एक निश्चित स्तर की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कोई उद्यम आपके कौशल, रुचियों और मूल्यों के साथ संरेखित हो। कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले हमेशा अपना शोध और उचित परिश्रम करें।

ढोल, गंवार, शूद्र, पशु और नारी दंड के अधिकारी, जानें इस चौपाई का सही मतलब

  Common Myth तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस में लिखी गई चौपाई; “ढोल गंवार शूद्र पशु और नारी सब ताड़ना के अधिकारी” आपने जरूर सुनी होगी। इस चौपाई को लेकर लोगों को कई गलतफहमियां हैं। कुछ का मानना है कि अपनी चौपाई के माध्यम से तुलसीदास ने नारी, पशु और वंचितों को दंड का भागी बताया है।  Fact यद्यपि यह सिर्फ एक दावा है पर इस चौपाई को लेकर तरह-तरह के दावे कई सालों से सोशल मीडिया और इसके इतर आम लोगों के बीच अलग-अलग आशय में प्रचलित हैं. रामचरितमानस की इस चौपाई का हर कोई अपने हिसाब से अलग-अलग अर्थ निकालता है और उससे बड़ी बात यह है कि उस आशय को दूसरों के सामने प्रकट करता है और इस तरह कई लोग गलत अर्थ के आधार पर नारी, पशु और वंचित समुदाय के खिलाफ की जा रही ज्यादती को सही ठहराते हैं तो वहीं कई बार इस चौपाई के गलत आधार पर हिन्दू धर्म और इसके धर्म ग्रंथों पर नारी, पशु और वंचित समाज के अपमान का आरोप लगाकर भ्रम फैलाते हैं. यद्यपि तथ्यों की परख के लिए आमतौर पर हम प्रत्यक्ष प्रमाण की गैरमौजूदगी वाले दावों को यूं ही छोड़ देते हैं या यूं कहें कि हम उनकी सत्यता जानने का प्रयास नहीं करते जबकि हकीकत यह है क